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चीन में प्रस्तावित बांध असम में ब्रह्मपुत्र के पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाएगा: हिमंत

गुवाहाटी. असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि तिब्बत में ब्रह्मपुत्र पर चीन द्वारा प्रस्तावित विश्व के सबसे बड़े बांध के निर्माण से असम में नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचेगा. शर्मा ने यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि केंद्र ने नदी के निचले इलाकों में बांध से उत्पन्न खतरों के बारे में चीन को सूचित कर दिया है.

उन्होंने कहा, “बांध हमारे लिए बड़ी समस्या बन जाएगा क्योंकि नदी का तल सूख जाएगा और पूरी नदी प्रणाली कमजोर हो जाएगी. हम पहले ही केंद्र के समक्ष यह मामला उठा चुके हैं.” शर्मा ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने भी इस मामले पर केंद्र को पत्र लिखा है. चीन ने भारतीय सीमा के निकट तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर विश्व के सबसे बड़े बांध के निर्माण को पिछले हफ्ते मंजूरी दे दी, जिससे भारत और बांग्लादेश में चिंताएं बढ़ गईं.

यह जलविद्युत परियोजना यारलुंग जांग्बो नदी (ब्रह्मपुत्र का तिब्बती नाम) के निचले क्षेत्र में बनाई जाएगी. आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि यह बांध हिमालय की एक विशाल घाटी में बनाया जाएगा जहां ब्रह्मपुत्र नदी एक विशाल ‘यू-टर्न’ लेकर अरुणाचल प्रदेश और फिर बांग्लादेश में बहती है.

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