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नांदेड़ विस्फोट मामले में आरोपियों को बरी करना कांग्रेस को ‘करारा तमाचा’ है: विहिप

नयी दिल्ली. विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने रविवार को 2006 के नांदेड़ विस्फोट मामले में आरोपियों को बरी किए जाने को कांग्रेस के मुंह पर ”करारा तमाचा” बताया और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से हिंदू समाज से माफी मांगने को कहा. महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक सत्र अदालत ने 2006 के विस्फोट मामले में सभी नौ जीवित आरोपियों को शनिवार को बरी कर दिया, जिसके बाद यह प्रतिक्रिया आई है.

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, ”नांदेड़ में 2006 में हुए विस्फोट मामले में कांग्रेस के शासन में आरोपी बनाए गए सभी लोगों को अदालत द्वारा बरी किए जाने से हिंदुओं को आतंकवादी साबित करने के कांग्रेस के दिवास्वप्न की आज पोल खुल गई.” उन्होंने दावा किया कि मालेगांव विस्फोट मामले में कांग्रेस और महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) का पहले ही ”पर्दाफाश” हो चुका है.

बंसल ने कहा, ”19 साल बाद, नांदेड़ की अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है और कांग्रेस के हिंदू विरोधी कृत्यों के लिए उसके मुंह पर करारा तमाचा मारा.” उन्होंने कहा, ”कम से कम अब तो कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को हिंदू समाज से माफी मांगनी चाहिए.” चार-पांच अप्रैल 2006 की मध्य रात्रि को नांदेड़. शहर में लक्ष्मण राजकोंडवार के घर पर विस्फोट हुआ था, जो कथित तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता थे. यह मामला इसी घटना से संबद्ध है.

जांचकर्ताओं ने दावा किया कि राजकोंडवार के बेटे नरेश राजकोंडवार और विहिप कार्यकर्ता हिमांशु पानसे की कथित तौर पर बम बनाते समय मौत हो गई थी. मामले की जांच शुरुआत में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने की और बाद में इसे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया.

बचाव पक्ष के वकील नितिन रनवाल के अनुसार, मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष के 49 गवाहों के बयान दर्ज किए गए.
उन्होंने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर सका कि यह घटना एक ‘बम विस्फोट’ थी.
घटना के समय, कांग्रेस केंद्र और महाराष्ट्र में सत्ता में थी.

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