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बाइडन ने हिलेरी क्लिंटन, जॉर्ज सोरोस को ‘प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम’ प्रदान किया

वाशिंगटन. अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन ने पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, विवादित निवेशक जॉर्ज सोरोस, वोग की प्रधान संपादक एना विंटोर, वैज्ञानिक बिल नेई और अभिनेता डेनजेल वाशिंगटन सहित 19 लोगों को शनिवार को देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम’ प्रदान किया.

‘प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम’ उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने अमेरिका की समृद्धि, उसके मूल्यों, सुरक्षा, विश्व शांति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो या सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण काम किए हों. पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण अर्जेंटीना के फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेस्सी अमेरिकी राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त करने के लिए व्यक्तिगत रूप से ‘व्हाइट हाउस’ में उपस्थित नहीं हो सके.

बाइडन ने ‘व्हाइट हाउस’ के ‘ईस्ट रूम’ में आयोजित समारोह में कहा, ”राष्ट्रपति के रूप में अंतिम बार मुझे हमारे देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘मेडल ऑफ फ्रीडम’ को असाधारण लोगों के एक समूह को प्रदान करने का सम्मान मिला है. ऐसे लोग जिन्होंने अमेरिका की संस्कृति और उद्देश्य को आकार देने में योगदान दिया.” पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, रक्षा मंत्री लॉएड ऑस्टिन, कई मंत्रियों तथा अन्य गणमान्य लोगों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की.

समारोह में अपने संबोधन में बाइडन ने कहा, ”लोगों के इस समूह ने अपनी अंतर्दृष्टि और प्रभाव से हमारे देश पर एक अविश्वसनीय छाप छोड़ी है जिसे दुनिया भर के प्रमुख शहरों और दूरदराज के क्षेत्रों में देखा जा सकता है….” अमेरिका में नस्लीय न्याय के लिए संघर्ष करने वाले फैनी लू हैमर, देश के 25वें रक्षा मंत्री रहे एश्टन कार्टर, नस्लीय अलगाव का जमकर विरोध करने वाले पूर्व अटॉर्नी जनरल रॉबर्ट फ्रांसिस कैनेडी और कारोबारी एवं ‘अमेरिकन मोटर्स कॉर्पोरेशन’ के अध्यक्ष रहे जॉर्ज डब्ल्यू रोमनी को मरणोपरांत यह पदक प्रदान किया गया. ये पदक इनके परिवार के सदस्यों ने प्राप्त किए. विवादित निवेशक जॉर्ज सोरोस की ओर से यह पुरस्कार उनके बेटे एलेक्स सोरोस ने ग्रहण किया.

प्रदान किए गए प्रशस्ति पत्र में कहा गया है, “हंगरी में एक यहूदी परिवार में जन्मे जॉर्ज सोरोस ने नाजी कब्जे से बचकर अपने लिए और दुनिया भर में अनगिनत लोगों के लिए स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया.” पत्र में कहा गया है, “इंग्लैंड में शिक्षा प्राप्त करने के बाद वह अमेरिका में बस गए और एक निवेशक तथा परोपकारी व्यक्ति बन गए, जिन्होंने खुले समाज, अधिकार और न्याय, समता और समानता, वर्तमान और भविष्य के महत्वपूर्ण सिद्धांतों की पैरवी की.” जॉर्ज सोरोस ने एक बयान में कहा, “एक आप्रवासी के रूप में मैं इस सम्मान से बहुत अभिभूत हूं.” हालांकि, सोरोस को यह पुरस्कार देने के लिए मेक ‘अमेरिका ग्रेट अगेन (एमएजीए)’ के समर्थकों और रिपब्लिकन नेतृत्व ने बाइडन की आलोचना की है.

रिपब्लिकन नेता निक्की हेली ने कहा, “हत्यारों की सजा कम करने और उनके बेटे को माफ करने के बाद जॉर्ज सोरोस को राष्ट्रपति पदक देना अमेरिका के चेहरे पर एक और तमाचा है….” मोंटाना के सीनेटर टिम शेही ने न्यूयॉर्क पोस्ट से कहा, “जॉर्ज सोरोस ने अपराध के प्रति नरम रुख रखने वाले राजनेताओं को चुनने में लाखों डॉलर खर्च किए, और इस वजह से अपराधियों ने हमारे प्रमुख शहरों में तबाही मचाई.” कारोबारी एलन मस्क ने कहा कि बाइडन द्वारा सोरोस को ‘मेडल ऑफ फ्रीडम’ दिया जाना विडंबना है. हाल में सोरोस (94) भारत में उस वक्त चर्चा में आए थे जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की खुलकर आलोचना की. सत्तारूढ़ भाजपा का मानना ??है कि उन्होंने भारतीय चुनावों में हस्तक्षेप करने की कोशिश की.

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