तमिलनाडु में बांग्लादेश के सात नागरिक हिरासत में लिए गए
दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिक को वापस भेजा गया

इरोड/नयी दिल्ली. तमिलनाडु के इरोड स्थित कारखानों में काम करने वाले बांग्लादेश के सात नागरिकों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि इन बांग्लादेशियों के पास पासपोर्ट और वीजा नहीं था, इसलिए उन्हें पकड़ा गया. पुलिस के अनुसार, भारत के उत्तरी भागों से आये श्रमिक अपने परिवारों के साथ पेरुन्दुरई स्थित कारखानों में काम कर रहे थे.
पुलिस ने केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के साथ मिलकर वेप्पमपलायम, वल्लीपुरथनपलायम, पेरुंदुरई और पेरुंदुरई तालुका के अन्य स्थानों पर अचानक छापेमारी की, जिसके बाद पता चला कि सात बांग्लादेशी नागरिक बिना पासपोर्ट या वीजा के कारखानों में काम कर रहे थे.
सभी बांग्लादेशियों को पेरुंदुरई पुलिस को सौंप दिया गया. पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि क्या वे क्षेत्र में और उसके आसपास किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल थे. तमिलनाडु में ऐसे बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ने के लिए अभियान जारी है. पिछले साल भी इरोड और आसपास के इलाकों में कई लोगों को पासपोर्ट या वीजा न होने की वजह से हिरासत में लिया गया था.
दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिक को वापस भेजा गया
दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के पालम इलाके में अवैध रूप से रह रहे एक बांग्लादेशी व्यक्ति की पहचान कर उसे वापस भेज दिया गया है. पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने बताया कि मोहम्मद शाहिदुल इस्लाम तीन साल से पालम गांव में रह रहा था जिसे विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय की मदद से वापस भेज दिया गया.
सूचना के आधार पर पुलिस की एक टीम मंगलापुरी में संदिग्ध व्यक्ति के पास पहुंची. जब उससे कागजात मांगे गए तो वह कोई भी वैध भारतीय दस्तावेज नहीं दिखा सका. उसके पास केवल बांग्लादेशी दस्तावेज की फोटोकॉपी थी. पुलिस ने बताया कि भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने की बात कबूलने के बाद उसे वापस भेज दिया गया.
शनिवार को दिल्ली पुलिस ने कहा था कि उसने 2024 तक वैध दस्तावेजों के बिना राष्ट्रीय राजधानी में निर्धारित अवधि से अधिक समय तक रहने वाले 132 विदेशी नागरिकों को निर्वासित किया है. पुलिस उपायुक्त (द्वारका) अंकित सिंह ने बताया कि निर्वासित व्यक्ति नाइजीरिया, आइवरी कोस्ट, गिनी, उज्बेकिस्तान, घाना, युगांडा और सेनेगल के नागरिक थे.