असम के मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से कहा, अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को काम पर न रखें
दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे नौ बांग्लादेशियों को वापस भेजा गया : पुलिस

मुंबई/नयी दिल्ली. असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को उद्योगपतियों से अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को ‘सस्ते श्रम’ के चलते काम पर न रखने का आग्रह किया. उन्होंने टाटा, अदाणी समूह और महिंद्रा सहित कॉरपोरेट घरानों के कई लोगों से मुलाकात के बाद यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही.
शर्मा ने कहा कि ऐसे प्रवासियों को काम पर न रखकर बांग्लादेश से अवैध प्रवास की समस्या की जड़ पर प्रहार करने की जरूरत है.
उन्होंने बताया कि उद्योग द्वारा नियुक्त बिचौलिये बांग्लादेश से सस्ता श्रम पाने के लिए इन श्रमिकों को काम पर रखते हैं.
यह पूछने पर कि क्या सप्ताहांत में उद्योग प्रमुखों के साथ उनकी बैठक के दौरान यह मुद्दा उठा, उन्होंने कहा कि ऐसे मुद्दे पर दोबारा जोर देने की कोई जरूरत नहीं, जिसपर असम 1979 से लड़ रहा है.
दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे नौ बांग्लादेशियों को वापस भेजा गया : पुलिस
दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में अवैध रूप से रह रहे नौ बांग्लादेशी नागरिकों को वापस भेज दिया है. पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. बांग्लादेश के इन नागरिकों को पुलिस द्वारा चलाए गए सत्यापन अभियान के दौरान पकड़ा गया. मध्य दिल्ली के पुलिस उपायुक्त एम. हर्षवर्धन ने बताया कि जनवरी में वापस भेजे गए नौ बांग्लादेशी नागरिकों में वे लोग भी शामिल हैं, जिन्हें जामा मस्जिद और नबी करीम इलाकों में सत्यापन अभियान के दौरान पकड़ा गया था.
पुलिस उपायुक्त ने कहा, ”इनमें मोहम्मद इमान हुसैन शामिल है, जिसने एक एजेंट को पैसे देकर अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था, तथा मोहम्मद र्शिमन परवेज भी, जिसका वीजा अक्टूबर 2024 में समाप्त हो गया था. अन्य लोग वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी यहां रुके रहे और भारतीय पहचान दस्तावेज हासिल करने का प्रयास कर रहे थे.” उन्होंने कहा, ” हमने जनवरी के पहले सप्ताह में 14 अवैध अप्रवासियों को निर्वासित किया, जबकि पिछले साल पांच को निर्वासित किया गया था. ” वर्ष 2024 में एक ईरानी और चार बांग्लादेशी नागरिकों समेत पांच विदेशी नागरिकों को केंद्रीय जिला पुलिस द्वारा निर्वासित किया गया. इन सभी को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के समक्ष पेश किया गया, जिसने उनके निर्वासन आदेश जारी कर दिए थे.