रायपुर : जगदलपुर के जिला कलेक्टोरेट कार्यालय में आयोजित बस्तर दशहरा समिति की बैठक में इस वर्ष के दशहरा पर्व को और भी भव्य एवं उत्साहपूर्वक मनाने के लिए सभी व्यवस्थाओं को बेहतर ढंग से सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया। बैठक के दौरान, पर्व से जुड़ी पारंपरिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को संरक्षित करते हुए उसे आधुनिक आवश्यकताओं के साथ कैसे संतुलित किया जाए, इस पर विशेष ध्यान दिया गया।
बैठक के बाद दशहरा उत्सव से जुड़े पर्यावरणीय मुद्दों पर भी विचार किया गया, जिसमें दशहरा रथ के निर्माण के लिए काटे गए पेड़ों की भरपाई के लिए एक विशेष पहल की गई। इस पहल के तहत माचकोट रेंज के नकटी सेमरा वन क्षेत्र में 251 पौधे लगाए गए, जो बस्तर के देवी-देवताओं के नाम पर समर्पित हैं। इस पहल का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ बस्तर की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करना है। “एक पेड़ बस्तर के देवी-देवताओं के नाम” थीम के माध्यम से क्षेत्र की गहरी सांस्कृतिक आस्था को पेड़ों के साथ जोड़ा गया है, जिससे दशहरा पर्व की परंपराओं और प्रकृति संरक्षण के बीच सामंजस्य स्थापित होता है।
यह अनूठा प्रयास न केवल बस्तर दशहरा उत्सव की परंपराओं को संरक्षित करने का काम करता है, बल्कि स्थानीय लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना को भी बढ़ाता है। इस पहल से यह संदेश दिया गया है कि हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में भी कदम उठा सकते हैं।
बैठक में प्रमुख रूप से सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप, चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप, महापौर श्रीमती सफीरा साहू, जिला पंचायत उपाध्यक्ष मणिराम कश्यप, बस्तर राजपरिवार के माटी पुजारी कमलचंद भंजदेव, कलेक्टर विजय दयाराम के., पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, नगर पालिक निगम के आयुक्त श्री हरेश मंडावी, और अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। इस दौरान मांझी, चालकी, मेम्बर, मेम्बरिन और पुजारी जैसे समुदाय के विभिन्न महत्वपूर्ण पदाधिकारी भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस योजना को सफल बनाने का संकल्प लिया।
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