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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा: गौ-आधारित जैविक खेती से किसानों को मिलेगी खुशहाली की नई दिशा

रायपुर:  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में राजधानी रायपुर में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में गौ-आधारित जैविक और प्राकृतिक खेती को किसानों की समृद्धि का मार्ग बताते हुए इस दिशा में कदम बढ़ाने की अपील की। उन्होंने भगवान बलराम जी की जयंती को हर साल किसान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की और इस दिन को किसानों के प्रति सम्मान और उनकी बेहतरी के लिए समर्पित किया।

 भगवान श्री बलराम जी की जयंती

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि गौ-आधारित प्राकृतिक खेती एक नई दिशा प्रदान कर सकती है, जिससे किसानों को आर्थिक और सामाजिक समृद्धि प्राप्त हो सके। उन्होंने बताया कि जैविक खेती का अपनाना केवल फसल की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक नहीं होगा, बल्कि यह किसानों के लिए एक स्थिर और समृद्ध भविष्य की नींव भी रखेगा। इस अवसर पर आयोजित कार्यशाला में उन्होंने स्थानीय इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के तत्वावधान में हुए प्रदर्शन और प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

राजधानी सहित प्रदेश के सभी कृषि विज्ञान केन्द्र में मनाया गया किसान दिवस

मुख्यमंत्री साय ने भगवान बलराम जी की जयंती को हर साल किसान दिवस के रूप में मनाने का आह्वान करते हुए कहा कि यह दिन किसानों की कठिनाइयों और उनके योगदान को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने भगवान बलराम जी की जयंती को कृषि के क्षेत्र में उनके योगदान की याद दिलाने के रूप में मान्यता देने की आवश्यकता पर बल दिया।

कार्यशाला में कृषि और किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने भी अपने विचार साझा किए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में किए गए व्यापक परिवर्तनों और सुधारों की चर्चा की। उन्होंने किसानों के लिए मौजूदा योजनाओं और नीतियों की जानकारी दी और गौ-आधारित जैविक खेती की ओर बढ़ने की आवश्यकता पर जोर दिया।

अखिल भारतीय किसान संघ के दिनेश कुलकर्णी ने गौ-आधारित प्राकृतिक खेती के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह केवल किसानों की आय बढ़ाने में ही मददगार नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण की सुरक्षा में भी सहायक है। उन्होंने गीता के संदर्भ में भी गौ पालन की प्राचीन परंपरा की बात की और इसे अपनाने का आह्वान किया।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने भगवान बलराम जी की जयंती को कृषि के क्षेत्र में उनके योगदान को याद करने और जैविक खेती को बढ़ावा देने का सही समय बताया। उन्होंने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की भूमिका की सराहना की और कृषि में नवाचारों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस कार्यक्रम में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरिश चंदेल ने स्वागत भाषण दिया और विधानसभा के विधायक श्री मोतीलाल साहू, अखिल भारतीय किसान संघ के छत्तीसगढ़ प्रांत के अध्यक्ष श्री सुरेश चंद्रवंशी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। यह आयोजन प्रदेश भर के कृषि विज्ञान केंद्रों पर भी मनाया गया, जिसमें किसानों ने जैविक और प्राकृतिक खेती की विधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की और अपने अनुभव साझा किए।

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