ममता बनर्जी:अपराजिता टास्क फोर्स’ के गठन की घोषणा की; शुभेंदु अधिकारी का बयान: “हम सिर्फ परिणाम चाहते हैं”
अपराजिता टास्क फोर्स' की स्थापना की घोषणा
कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा में हाल ही में पारित ‘अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक’ (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) 2024 को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक महत्वपूर्ण ऐलान किया है। उन्होंने इस विधेयक को ऐतिहासिक बताते हुए राज्य में एक विशेष ‘अपराजिता टास्क फोर्स’ के गठन का प्रस्ताव रखा है। यह टास्क फोर्स महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की तेजी से जांच सुनिश्चित करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि न्याय समय पर प्राप्त हो।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधेयक के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए कहा कि यह विधेयक दुष्कर्म और अन्य यौन अपराधों के मामलों में त्वरित न्याय और कड़ी सजा सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है। ममता ने विधेयक के तहत एक विशेष टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की, जो महिला और बाल अपराधों की जांच को समयबद्ध तरीके से पूरा करेगी और दोषियों को कड़ी सजा दिलाएगी।
इस अवसर पर, ममता बनर्जी ने केंद्रीय स्तर पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रभावी कानून लागू न करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उन सभी मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग की जिन्होंने इस मुद्दे पर प्रभावी कदम नहीं उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इस विधेयक के माध्यम से केंद्रीय कानूनों की खामियों को दूर करने की कोशिश की है और इसे अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया है।
भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने विधेयक के समर्थन में अपनी बात रखते हुए कहा कि सरकार को इस विधेयक को तुरंत कानून में परिवर्तित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा पूरी तरह से इस मुद्दे पर राज्य सरकार का समर्थन करती है, लेकिन नतीजे की उम्मीद करती है। उन्होंने ममता बनर्जी से यह भी कहा कि भाजपा विधायकों की ओर से उठाए गए मुद्दों को लेकर सरकार को गंभीरता से कार्य करना चाहिए और विधेयक के त्वरित कार्यान्वयन की गारंटी देनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी भाजपा विधायकों के आलोचनात्मक बयानों का जवाब देते हुए कहा कि यदि वे उनके खिलाफ आरोप लगा सकते हैं, तो वे भी प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर आरोप लगा सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य राज्यों, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और गुजरात, जहां महिला अपराधों की दर बहुत अधिक है, में भी इस विधेयक की तर्ज पर सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है।
इस विधेयक और टास्क फोर्स की घोषणा ने पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक नई उम्मीद जगा दी है और राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया है कि वह महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाएगी।
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