राष्ट्रीय
सुप्रीम कोर्ट ने ED की गिरफ्तारी शक्ति पर लगाई लगाम, PMLA मामलों में अब स्पेशल कोर्ट से पहले लेनी होगी अनुमति
नई दिल्ली, 16 मई 2024:
आज सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की गिरफ्तारी शक्तियों को कुछ हद तक सीमित कर दिया है। अब, मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तारी करने से पहले ED को विशेष अदालत से अनुमति लेनी होगी।
यह फैसला जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने PMLA के तहत आरोपियों की गिरफ्तारी से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुनाया।
अदालत ने क्या कहा?
- यदि विशेष अदालत ने PMLA शिकायत का संज्ञान ले लिया है, तो ED धारा 19 के तहत गिरफ्तारी नहीं कर सकती।
- यदि ED को जांच में आगे बढ़ने के लिए आरोपी की हिरासत की आवश्यकता है, तो उन्हें विशेष अदालत में आवेदन करना होगा।
- यदि आरोपी पहले ही समन जारी होने पर पेश हो चुका है, तो भी उसे जमानत के लिए कड़ी शर्तों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
इस फैसले का क्या मतलब है?
- यह फैसला ED को मनमानी गिरफ्तारी करने से रोकने में मदद करेगा।
- यह आरोपियों को उनके अधिकारों के प्रति अधिक जागरूक करेगा।
- इससे PMLA मामलों में जमानत मिलना आसान हो सकता है।
विपक्षी दलों ने इस फैसले का स्वागत किया है, जबकि सरकार ने अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
यह फैसला उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो PMLA मामलों में आरोपी हैं या जिनकी गिरफ्तारी हो सकती है।
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